जयपुर न्यूज डेस्क: राजस्थान में सरकारी खांसी की दवा डेक्स्ट्रोमेथोर्फेन हाइड्रोब्रोमाइड सिरप से साइड इफेक्ट के मामले सामने आने के बाद हड़कंप मच गया है। भरतपुर के बयाना और श्रीमाधोपुर के बाद अब जयपुर के मानसरोवर स्थित साकेत अस्पताल में भी 2 साल की बच्ची की हालत बिगड़ने की खबर आई। परिजनों ने बताया कि बच्ची को सरकारी सप्लाई की यह खांसी की दवा दी गई थी, जिसके बाद उसकी तबीयत अचानक खराब हो गई। समय पर इलाज मिलने से बच्ची की स्थिति अब स्थिर बताई जा रही है।
इस घटना के बाद राजस्थान मेडिकल सर्विसेज़ कॉर्पोरेशन लिमिटेड (RMSCL) ने तुरंत कार्रवाई करते हुए M/S KAYSONS PHARMA के 21 बैच की सप्लाई को तत्काल प्रभाव से होल्ड करने के निर्देश दिए। साथ ही, फील्ड में उपलब्ध संबंधित बैच के नमूने (सैंपल) जांच के लिए उठा लिए गए हैं।
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने भी इस दवा पर तुरंत रोक लगा दी है और इसके वितरण एवं उपयोग पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया है। मामले की गहन जांच के लिए विभाग ने 3-सदस्यीय कमेटी का गठन किया है, जिसमें RMSCL के दो कार्यकारी निदेशक और मुख्यमंत्री निःशुल्क दवा योजना के नोडल अधिकारी शामिल हैं। कमेटी इस मामले के हर पहलू की जांच करेगी।
राजनीतिक प्रतिक्रिया भी तेज हुई है। पूर्व मंत्री और कांग्रेस नेता प्रतापसिंह खाचरियावास ने आरोप लगाया कि फ्री दवा योजना में ब्लैकलिस्टेड कंपनियों से दवाएं खरीदी गईं। उन्होंने कहा कि नकली दवा से बच्चों की जान को खतरा हुआ है और मामले की न्यायिक जांच होनी चाहिए। खाचरियावास ने चेतावनी दी कि मामले को दबाने की बजाय तुरंत सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए।